इमरान प्रतापगढ़ी शायरी

ज़माने पर भरोसा करने वालों,
भरोसे का ज़माना जा रहा है !
तेरे चेहरे में एैसा क्या है आख़िर,
जिसे बरसों से देखा जा रहा है !!!

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